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सोयाबीन की फसल के लिए किसान करें ये उपाए, देगी बम्पर पैदावार

सोयाबीन की फसल इस समय फलियों के विकास की अवस्था में है, और लगातार बारिश के कारण इसे विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बेहतर उपज के लिए किसानों को निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:

1. जल निकासी का प्रबंधन

  • समस्या: लगातार बारिश के कारण खेतों में पानी जमा हो सकता है, जिससे फसल को नुकसान पहुंच सकता है।
  • उपाय: खेतों में पानी की निकासी के लिए उचित ड्रेनेज व्यवस्था सुनिश्चित करें। पानी के जमाव को रोकने के लिए गहरी जुताई या रेकिंग करें।

2. फंगल बीमारियों से बचाव

  • एरियल ब्‍लाइट:
    • उपाय: 375-500 ग्राम पाइराक्लोस्ट्रोबिन प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें। इसके अलावा, 333 एमएल प्रति हेक्टेयर फ्लुक्सापाइरोक्साइड या 750 एमएल पाइराक्लोस्ट्रोबिन और एपोक्‍कीकोनाजोले का छिड़काव करें।

3. एंथ्राक्नोज बीमारी

  • उपाय:
    • जब शुरुआती लक्षण दिखें, तो 625 मिली. टेबुकोनाजोले 25.9 ईसी का छिड़काव करें या 38.39 एससी टेबुकोनाजोले का उपयोग करें।
    • 10% टेबुकोनाजोले और 65% सल्फर WG या 12% कैरबेनजाम और 63% मैनकोजेब WP का मिश्रण भी प्रभावी हो सकता है।

4. येलो मोजैक रोग

  • उपाय:
    • प्रभावित पौधों को खेत से उखाड़कर नष्ट कर दें। जड़ों को खेत में न छोड़ें।
    • 25% एक्टामिप्रिड और 25% बाईफेनथिरीन का मिश्रण पौधों पर स्प्रे करें।
    • सफेद मक्खी को नियंत्रित करने के लिए पीले चिपचिपे जाल का उपयोग करें।

5. कैमल वॉर्म से बचाव

  • उपाय:
    • 18.5 एससी क्लोरांट्रानिलीप्रोले, 01.90 ईसी इमामेक्टिन बेनजोआटे, 300 ग्राम ब्रोफ्लानिलिडे, 20 WG फ्लूबेडीयामाइड, 39.35 एससी फ्लूबेडीयामाइड, 25% एक्टामिप्रिड और 25% WG बाईफेनथिरीन, 15.80 ईसी इंडोक्साकार्ब, या 4.90% सीएस लंबाडा-साइहालोथ्रिन का उपयोग करें।

इन उपायों का पालन करने से किसानों को सोयाबीन की फसल की अच्छी सुरक्षा और बेहतर उपज प्राप्त करने में मदद मिलेगी। फसल की नियमित निगरानी और रोग-कीट प्रबंधन के लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेते रहना भी महत्वपूर्ण है।

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